आधुनिक युग में गद्य का महत्त्व बहुत बढ़ गया है. इसका अंदाजा इस बात से भी लगाया जा सकता है कि आचार्य रामचंद्र शुक्ल ने आधुनिक काल को गद्यकाल भी कहा है. ऐसा कहा जाता है कि जीवन में आए नए विस्तार और परिवर्तन को गद्य का माध्यम अधिक आसानी से व्यक्त कर सकता है. इसी कारण आधुनिक युग में गद्य की अनेक विधायें उत्पन्न हुई हैं. निबंध, उपन्यास, कहानी इत्यादि. यहां कुछ अन्य विधाओं पर विचार किया जाएगा.
2 comments
chaliye kitaab palatney se bach jaunga
aapne sahityalochan ko net par laane ka jo bhagirath prayas kiya hai uske liye dhanyavad.kripaya aur jyada saamagri daalein taaaki aalekh gambhir aur soochnatmak ban sake.jab sabhi vishayon ko liya hai ti ras chhand alankar bhi le lijiye.aapko phir se koti koti dhanyavaad
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